Wednesday, June 11, 2008

Another Nazm

हम दिवानो से मिलके, देखो ज़रा
दर्द-इ-ज़माना तुमको याद नहीं
कल भी यह जिद्द थी तुम्हे
आज फिर यह जुस्तजू
अपना हाल-ऐ-दिल
हम कभी सुनाये क्यों न्ही

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