sapane बुनते देखा हैं मैंने
नीले, पीले, लाल, हरे
धागों में पिरोये...कच्चे धागे
टूटते, उल्जाते, सिरों से जुड़ते
उंगलियों से फिसलती
सिरों पे अटकती
सपनों कि माला बनाते देखा हैं मैंने
सोचा-
कि आंखों में सुरमा लगा लूं
अपनो कि एक माला गले में सजा लूं
नीले, पीले, लाल, हरे
हंसते सपने...
अधूरी, रुलाती, धुप में अकेली बारिश के सपने
तुम्हारे सपने
मेरे सपने...
सपने बुनते देखा हैं मैंने
नीले, पीले, लाल, हरे
धागों में पिरोये...कच्चे धागे
टूटते, उल्जाते, सिरों से जुड़ते
उंगलियों से फिसलती
सिरों पे अटकती
सपनों कि माला बनाते देखा हैं मैंने
सोचा-
कि आंखों में सुरमा लगा लूं
अपनो कि एक माला गले में सजा लूं
नीले, पीले, लाल, हरे
हंसते सपने...
अधूरी, रुलाती, धुप में अकेली बारिश के सपने
तुम्हारे सपने
मेरे सपने...
सपने बुनते देखा हैं मैंने
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