Sunday, April 19, 2009

Ehsas!

यह मेरे कानो में तुने क्या कह दिया
संवर गयी ज़िन्दगी मेरी
पहले भी कहा था, किसीने कभी
वोह प्यार नही, तू गैर नही
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इस रात से कह दो, थम जाए आज
की अभी मैं यार के बाँहों में सोया हूँ
कल फिर होगी सुबह, फिर वही तन्हाई
अब रातों में तड़पते हम अकेले तोह नहीं

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